माँ से बड़ा पवित्र कोई लब्ज नहीं

तू माँ जिसे कहता हे माँ से बड़ा पवित्र कोई लब्ज नहीं
तू मार बेसक उस बेबफा को ठोकर मगर ठुकरा के माँ का प्यार कभी तू कामयाब हो पायेगा नहीं
तू जब छोटा था तो खाने के लिए रोता था माँ खिलाती थी तुझे अपने हाँथो से खुद भुखे रह जाती थी मगर तू मानता था नहीं
तू कहता है आज में हो गया हूँ इतना बड़ा तुझे पता है माँ दुख काट के परेशानयो को झेल के तुझे किया है इतना बड़ा व माँ थी कोई और नहीं
तू माँ बाप के बातो को मार के ठोकर तू करेगा कोई भी काम सफल तू कभी हो पायेगा नहीं
हर मुश्किल हो जायेगा आशान माँ बाप को याद करते ही क्यूंकि इस दुनिया में माँ बाप से बड़ा भगवान है कोई और नहीं

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