बंदा डरता है तो अपने बाप की मार से
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से …
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से …
पि लेंगे तुम्हारे हर एक आँशु कभी अपनी महफ़िल में बैठाकर तो देखो भाभी कहोगे तुम अपनी गर्लफ्रेंड को कभी …
वो कहती है तुमको तो कोई भी लड़की पसंद करेगी कहो तो में पटा दूँ मैंने कहा तुम ही पट …
तेरे प्यार की रौशनी ऐसी है की हर तरफ उजाला नजर आता है सोचता हूँ घर का बिजली कटवा दू …
न वफ़ा का जीकर होगा न वफ़ा की बात होगी अब मोहब्बत जिससे भी होगी Corona काल के बाद होगी …