अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी हैं
अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी हैं सवाल भी खुद के होते हैं और जवाब भी खुद के Akele rona …
अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी हैं सवाल भी खुद के होते हैं और जवाब भी खुद के Akele rona …
एक दिल था मेरा जो मैंने दिया था तुझको पर तेरी याद तो शायर कर गई मुझको माना रह ना …
बहुत बहुत रोएगी जिस दिन में याद आऊंगा और बोलेगी एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिए Bahut …
तुझे जब देखता हूँ तो खुद की अपनी याद आती है मेरा अंदाज हँसने का कभी तेरे ही जैसा था …
दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते है वरना मुलाकात तो हजारो से होती है Dil ke rishte to kismat …
क्या पानी पे लिखी थी मेरी तक़दीर मेरे इस्वर हर ख्वाब बह जाता है मेरे रंग भरने से पहले ही …