तन्हाई सी थी दुनिया के भीड़ में
सोंचा कोई नहीं अपना तकदीर में
एक दिन जब दोस्ती की आपसे तो यूँ लगा
कुछ खास था मेरे हाथ की लकीर में
Tanhaee see thee duniya ke bheed mein
Soncha koee nahin apana takadeer mein
Ek din jab dostee kee aapase to yoon laga
Kuchh khaas tha mere haath kee lakeer mein
कौन कहता है की दोस्ती बराबरी में
कौन कहता है की दोस्ती बराबरी में होती है
सच तो ये है दोस्ती में सब बराबर होते है
Kaun kahata hai kee dostee baraabaree mein hotee hai
Sach to ye hai dostee mein sab baraabar hote hai
फर्क है दोस्ती और मोहब्बत में
फर्क है दोस्ती और मोहब्बत में
बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने
से लगा लेती है
और मोहब्बत नजर चुरा लेतीं है
Phark hai dostee aur mohabbat mein
Baraso baad milane par dostee seene se
Laga letee hai
Aur mohabbat najar chura leteen hai
इतिहास के हर पनने पे लिखा है
इतिहास के हर पनने पे लिखा है
दोस्ती कभी बड़ी नहीं होती है
निभाने वाले हमेशा बड़े होते है
Itihaas ke har panane pe likha hai
Dostee kabhee badee nahin hotee hai
Nibhaane vaale hamesha bade hote hai